नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 10 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “सेन साहब खोखा में कैसी संभावनाएं देखते थे”(Sen Sahab ko kaha main kaisi sambhavnaein dekhte hai) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।
सेन साहब खोखा में कैसी संभावनाएं देखते थे । Sen Sahab ko kaha main kaisi sambhavnaein dekhte hai
प्रश्न: सेन साहब खोखा में कैसी संभावनाएं देखते थे । Sen Sahab ko kaha main kaisi sambhavnaein dekhte hai
उत्तर – सेन साहब और उनकी पत्नी खोखा में उसके पिता की तरह इंजीनियर बनने की संभावना देखते थे। उन्होंने खोखा को इस दिशा में प्रेरित किया और उसकी उंगलियों को औजारों से परिचित कराने के लिए घर पर ही मिस्त्री बुलाते थे, ताकि वह तेजी से काम सीख सके।
आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न
Q. गुरु नानक की दृष्टि में ब्रह्म का निवास कहाँ है
Q. मंगम्मा अपने बेटे-बहू से अलग क्यों हो गई
Q. गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है
Q. गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है
Q. श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है
Q. सेन साहब खोखा में कैसी संभावनाएं देखते थे
Q. हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया” इसकी सप्रसंग प्याख्या कीजिए
Q. अंबेडकर की दृष्टि में जातिप्रथा आर्थिक पहलू से भी हानिकारक है कैसे
Q. मंगम्मा ने माँजी की आदमी को वश में रखने के कौन-से गुर बताए
Q. राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा पद का सारांश अपने शब्दों में लिखें
दूसरा उतर
खोखा की शिक्षा में सेन साहब ने उसके पिता की तरह उसे इंजीनियर बनाने का सपना देखा। इस दिशा में उन्होंने उसकी प्रारंभिक शिक्षा को व्यावहारिक बनाने पर जोर दिया। घर पर मिस्त्री बुलाकर उन्होंने खोखा को औजारों के साथ काम करवाया ताकि वह कम समय में इस क्षेत्र में निपुण हो सके और सफल हो।
तीसरा उतर
खोखा के लिए सेन साहब की योजना उसे एक कुशल इंजीनियर बनाने की थी। इसी कारण उन्होंने उसके लिए घर पर मिस्त्री बुलाकर प्रारंभिक तकनीकी शिक्षा दी। उनका यह प्रयास था कि खोखा की तकनीकी समझ बेहतर हो और वह औजारों का सही तरीके से प्रयोग सीखकर जल्दी से सफलता की दिशा में बढ़ सके।
चौथा उतर
सेन साहब को खोखा के भविष्य में तकनीकी प्रगति की बड़ी उम्मीदें थीं। उन्होंने उसे छोटी उम्र से ही मिस्त्री के कामों में रुचि दिलाई, जिससे वह औजारों का सही उपयोग और तकनीकी कार्यों की समझ हासिल कर सके। उनका उद्देश्य था कि खोखा जल्द ही इस क्षेत्र में दक्ष हो जाए और अपने करियर को ऊंचाइयों पर ले जाए।