श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है । Shram vibhajan kaise samaj ki avashyakta hai

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 10 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है”(Shram vibhajan kaise samaj ki avashyakta hai) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख कते हैं।

श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है । Shram vibhajan kaise samaj ki avashyakta hai

प्रश्न: श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है । Shram vibhajan kaise samaj ki avashyakta hai

उत्तर –  श्रम विभाजन समाज में आवश्यक भूमिका निभाता है, क्योंकि इससे लोगों को काम को व्यवस्थित करने का तरीका मिलता है। इसके माध्यम से, विभिन्न कार्यों को विशेषज्ञता के अनुसार बांटा जा सकता है, जिससे हर व्यक्ति अपनी क्षमता का सर्वोत्तम उपयोग कर सकता है। इस तरह, श्रमिकों को अपने काम में दक्षता मिलती है और समाज की उत्पादन क्षमता बढ़ती है।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. गुरु नानक की दृष्टि में ब्रह्म का निवास कहाँ है

Q. मंगम्मा अपने बेटे-बहू से अलग क्यों हो गई

Q. गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है

Q. गुरु की कृपा से किस युक्ति की पहचान हो पाती है

Q. श्रम विभाजन कैसे समाज की आवश्यकता है

Q. सेन साहब खोखा में कैसी संभावनाएं देखते थे

Q. हंस कौओं की जमात में शामिल होने के लिए ललक गया” इसकी सप्रसंग प्याख्या कीजिए

Q. अंबेडकर की दृष्टि में जातिप्रथा आर्थिक पहलू से भी हानिकारक है कैसे

Q. मंगम्मा ने माँजी की आदमी को वश में रखने के कौन-से गुर बताए

Q. राम नाम बिनु बिरथे जगि जनमा पद का सारांश अपने शब्दों में लिखें

दूसरा उतर 

समाज के विभिन्न क्षेत्रों में श्रम विभाजन से उत्पादन की गति और गुणवत्ता में सुधार होता है। श्रमिकों को अपने पसंदीदा कार्य करने का मौका मिलता है, जिससे वे अपने क्षेत्र में निपुण होते जाते हैं। यह समग्र कार्य प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाता है, जिससे उत्पादन का समय कम होता है और आर्थिक प्रगति होती है।

तीसरा उतर 

श्रम विभाजन से समाज को बेहतर तरीके से संगठित किया जा सकता है। हर श्रमिक को उसी कार्य में लगाया जाता है, जिसमें वे सबसे अधिक दक्ष होते हैं। इससे श्रमिकों के कौशल में भी वृद्धि होती है, और पूरे कार्य के परिणामस्वरूप समाज को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद मिलते हैं, जो आर्थिक विकास में सहायक होते हैं।

चौथा उतर 

श्रम विभाजन से कामकाज में संतुलन आता है। हर श्रमिक को अपनी योग्यता और रुचि के अनुसार कार्य मिलता है, जिससे समाज में उत्पादन तेज़ और कुशल होता है। इससे सामूहिक कार्य प्रणाली को गति मिलती है, और हर व्यक्ति का योगदान समाज की आर्थिक वृद्धि में अहम भूमिका निभाता है।

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