नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 11 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल का परिचय किस तरह दिया है”(Lekhak Fani savarnath Renu ne Kosi Anchal ka Parichay kis tarah Diya hai) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।
लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल का परिचय किस तरह दिया है । Lekhak Fani savarnath Renu ne Kosi Anchal ka Parichay kis tarah Diya hai
प्रश्न: लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल का परिचय किस तरह दिया है । Lekhak Fani savarnath Renu ne Kosi Anchal ka Parichay kis tarah Diya hai
उत्तर – फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल को अपनी लेखनी में बहुत ही आत्मीयता के साथ प्रस्तुत किया है। उन्होंने इसे केवल भौगोलिक क्षेत्र नहीं बल्कि एक भावनात्मक और सांस्कृतिक इकाई के रूप में चित्रित किया। उनके लिए कोसी नदी एक दिव्य शक्ति और मातृ रूप में है, जो उनके जीवन का अहम हिस्सा है।
आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न
Q. चलचित्र किन शिल्प साहित्यों से अपने निर्माण का तत्व लेता है
Q. झंकार शीर्षक कविता में कवि को आघातों की चिंता क्यों नहीं है
Q. भारत दुर्दशा’ शीर्षक कविता में कवि सभी भारतीयों को किस लिए आमंत्रित करता है और क्यों?
Q. तोड़ती पत्थर शीर्षक कविता में स्त्री अपने हथौड़े से किस प्रकार प्रहार करती है
Q. गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं
Q. लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल का परिचय किस तरह दिया है
Q. शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है
Or
Q. परीक्षा में शानदार सफलता के लिए अपने मित्र को बधाई देते हुए एक पत्र लिखिए
Or
अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पास चरित्र प्रमाण-पत्र हेतु एक आवेदन-पत्र लिखें
दूसरा उतर
लेखक ने कोसी अंचल का परिचय देने में इसे व्यक्तिगत अनुभव से जोड़कर पेश किया है। उनकी लेखनी में कोसी नदी एक मातृवत और पवित्र शक्ति के रूप में प्रस्तुत की गई है। यह न केवल भौगोलिक रूप में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा भी है।
तीसरा उतर
फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल को परिचित करते समय उसकी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को उजागर किया। उनके लिए कोसी नदी केवल एक प्राकृतिक जलधारा नहीं, बल्कि एक शक्तिशाली मातृसत्ता का प्रतीक है, जिसका उनके जीवन में गहरा प्रभाव है।
चौथा उतर
लेखक ने कोसी अंचल का परिचय करते हुए इसे एक दिव्य और भावनात्मक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया। उन्होंने इसे केवल एक नदी के रूप में नहीं देखा, बल्कि एक माँ के रूप में चित्रित किया, जो उनके जीवन और भावनाओं का अभिन्न हिस्सा है।