गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं । Gali Gair nahin hai apnon se apne Hain ke dwara kabhi trilochan ne kya kahana chaha hai 

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 11 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं”(Gali Gair nahin hai apnon se apne Hain ke dwara kabhi trilochan ne kya kahana chaha hai) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं । Gali Gair nahin hai apnon se apne Hain ke dwara kabhi trilochan ne kya kahana chaha hai

प्रश्न:  गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं । Gali Gair nahin hai apnon se apne Hain ke dwara kabhi trilochan ne kya kahana chaha hai

उत्तर –  त्रिलोचन के अनुसार, गालिब हिन्दी साहित्य के अन्य लेखकों से भिन्न नहीं हैं। उनका शायराना दृष्टिकोण और सामाजिक मुद्दों पर विचार समान रूप से जनहितकारी और शिक्षाप्रद है, जिससे वे हिन्दी साहित्य में एक महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त करते हैं।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. चलचित्र किन शिल्प साहित्यों से अपने निर्माण का तत्व लेता है

Q. झंकार शीर्षक कविता में कवि को आघातों की चिंता क्यों नहीं है

Q. भारत दुर्दशा’ शीर्षक कविता में कवि सभी भारतीयों को किस लिए आमंत्रित करता है और क्यों? 

Q. तोड़ती पत्थर शीर्षक कविता में स्त्री अपने हथौड़े से किस प्रकार प्रहार करती है

Q. गालिब गैर नहीं है अपनों से अपने हैं के द्वारा कवि त्रिलोचन ने क्या कहना चाहा हैं

Q. लेखक फणीश्वरनाथ रेणु ने कोसी अंचल का परिचय किस तरह दिया है

Q. शेरा कौन है और उसके साथ साहनी का क्या संबंध है

Q. जिन्हें विश्वास न हो वे स्वयं आकर देख जाएँ-प्राणों में घुले हुए रंग धरती पर किस तरह फैल रहे हैं-फैलते ही जा रहे हैं।” इस उद्धरण की सप्रसंग व्याख्या करें

Or

अंग्रेज राज सुख साज सजे सब भारी। पै धन विदेश चलि जात इहै अति ख्वारी प्रस्तुत पंक्ति की सप्रसंग व्याख्या करें

Q. परीक्षा में शानदार सफलता के लिए अपने मित्र को बधाई देते हुए एक पत्र लिखिए

Or

अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक के पास चरित्र प्रमाण-पत्र हेतु एक आवेदन-पत्र लिखें

दूसरा उतर 

त्रिलोचन का कहना है कि गालिब हिन्दी साहित्य के लेखकों से अलग नहीं हैं। उनका काव्य भी अन्य कवियों की तरह सामाजिक और दार्शनिक विचारों से परिपूर्ण है। गालिब की शायरी जनहित में योगदान देने वाली है और उनका काव्य भी इस दिशा में समान प्रभावी है।

तीसरा उतर 

कवि त्रिलोचन ने गालिब की काव्यशास्त्र को मूल्यवान माना है। गालिब ने अपने शेरों के माध्यम से जीवन, समाज और प्रकृति के रहस्यों को उजागर किया है, जैसे अन्य हिन्दी कवि करते हैं। गालिब का काम प्रासंगिक और समाज के लिए लाभकारी है।

चौथा उतर 

त्रिलोचन का मानना है कि गालिब का काव्य हिन्दी साहित्य के अन्य कवियों के समान ही महत्वपूर्ण है। गालिब की शायरी ने समाज और जीवन के विभिन्न पहलुओं को बहुत सहजता और स्वाभाविकता के साथ प्रस्तुत किया है, जो समाज के लिए लाभकारी है।

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