हरियाणा में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को निशुल्क चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के लिए आयुष्मान चिरायु योजना लागू की गई थी। हालांकि, हाल ही में निजी अस्पतालों और सरकार के बीच भुगतान को लेकर विवाद चल रहा था, जिससे मरीजों को इलाज में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा था। अब राज्य सरकार के हस्तक्षेप के बाद यह समस्या हल हो गई है, और पात्र मरीजों को पुनः नि:शुल्क इलाज मिलेगा।
हरियाणा में मुफ्त इलाज का संकट क्यों हुआ?
हरियाणा सरकार और निजी अस्पतालों के बीच फंड रिलीज़ न होने की वजह से समस्या उत्पन्न हुई। अस्पतालों ने सरकार पर 400 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया होने का दावा किया, जिसके कारण उन्होंने योजना के तहत इलाज बंद करने की चेतावनी दी थी।
समस्या | विवरण |
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बकाया राशि | 400 करोड़ रुपये से अधिक |
अस्पतालों की शिकायत | भुगतान में देरी और बिल पास न होना |
प्रभावित मरीज | गरीब परिवारों के आयुष्मान कार्डधारक |
समाधान की समयसीमा | 31 मार्च तक भुगतान का आश्वासन |
क्या था विवाद का मुख्य कारण?
- देरी से भुगतान – सरकार द्वारा निजी अस्पतालों के बिलों को स्वीकृत करने और राशि जारी करने में देरी हो रही थी।
- बिलों में कटौती – अस्पतालों ने आरोप लगाया कि बिल पास करने में अनावश्यक कटौती की जा रही है।
- सरकारी प्रक्रिया की जटिलता – अस्पतालों को लंबी सरकारी प्रक्रियाओं के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- निजी अस्पतालों की चेतावनी – उन्होंने मरीजों का इलाज बंद करने की धमकी दी थी।
फ्री इलाज को लेकर नई व्यवस्था क्या है?
अब सरकार ने निजी अस्पतालों को आश्वासन दिया है कि 31 मार्च तक लंबित भुगतान किया जाएगा। इससे गरीब मरीजों का इलाज दोबारा शुरू कर दिया गया है।
फ्री इलाज के लिए पात्रता
✔ हरियाणा के निवासी
✔ आयुष्मान चिरायु कार्ड धारक
✔ गरीबी रेखा से नीचे (BPL) श्रेणी के लोग
✔ पहले से सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा
निजी अस्पतालों की मांगें और सरकार का रुख
✔ अस्पतालों की मांगें
- सभी लंबित बिलों का शीघ्र भुगतान
- बिल पास करने की प्रक्रिया को सरल बनाना
- अनावश्यक कटौती न करना
✔ सरकार का निर्णय
- भुगतान को प्राथमिकता देकर जल्द निपटान करना
- अस्पतालों के साथ चर्चा करके समस्या का हल निकालना
- योजना में पारदर्शिता लाने के लिए नई रणनीति बनाना
आगे क्या होगा?
यदि सरकार अपने वादे के अनुसार 31 मार्च तक भुगतान नहीं करती, तो निजी अस्पताल पुनः इलाज बंद कर सकते हैं। इसलिए सरकार को समय पर सभी बिलों का निपटान करना जरूरी होगा।
इस समस्या से गरीब मरीजों को क्या सीख मिली?
- स्वास्थ्य योजनाओं पर पूरी जानकारी रखें
- सरकारी अस्पतालों की सेवाओं का भी उपयोग करें
- योजना के तहत पंजीकृत अस्पतालों की सूची अपडेट रखें
- संभावित समस्याओं के लिए अन्य विकल्प तलाशें