नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 12 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न ” सच है जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण प्रकट नहीं होता सप्रसंग व्याख्या करें । Sach hai jab Tak manushya bolata nahin tab tak uska gun prakat nahin hota Safar sang vyakhya Karen”का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।
सच है जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण प्रकट नहीं होता सप्रसंग व्याख्या करें । Sach hai jab Tak manushya bolata nahin tab tak uska gun prakat nahin hota Safar sang vyakhya Karen
प्रश्न: सच है जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण प्रकट नहीं होता सप्रसंग व्याख्या करें । Sach hai jab Tak manushya bolata nahin tab tak uska gun prakat nahin hota Safar sang vyakhya Karen
उत्तर –
सप्रसंग व्याख्या:
प्रस्तुत पंक्तियाँ बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित निबंध “बाचचीत” से ली गई हैं। इन पंक्तियों में लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि मनुष्य के गुण या दोष तब तक प्रकट नहीं होते, जब तक वह कुछ बोलता नहीं। व्यक्ति के शब्दों और बातचीत की शैली से ही उसके व्यक्तित्व, विचारधारा और स्वभाव का पता चलता है।
लेखक यह समझाने का प्रयास कर रहे हैं कि किसी व्यक्ति का असली व्यक्तित्व उसकी बातचीत से उजागर होता है। जब तक कोई व्यक्ति मौन रहता है, तब तक उसके बारे में कोई भी ठोस धारणा बनाना कठिन होता है। जैसे ही वह बोलना शुरू करता है, उसके गुण और दोष स्पष्ट हो जाते हैं।
संवाद का तरीका और स्वर व्यक्ति की मानसिकता, परिपक्वता और सामाजिक दृष्टिकोण को दिखाता है। बोलचाल से ही व्यक्ति के स्वभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है, चाहे वह गंभीर हो या चंचल। अतः लेखक ने यह समझाया कि मनुष्य की बोली ही उसके गुण और दोषों को प्रकट करती है, जिससे उसकी वास्तविक पहचान सामने आती है।
आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न
Q. सच है जब तक मनुष्य बोलता नहीं तब तक उसका गुण प्रकट नहीं होता सप्रसंग व्याख्या करें
0r
Q. पासबुक खो जाने की शिकायत बैंक मैनेजर को पत्र लिखकर करें
or
Q. अपने प्रधानाचार्य को प्रार्थना-पत्र लिखकर अपनी फीस माफी हेतु प्रार्थना करें
Q. मानक और सिपाही एक दूसरे को क्यों मारना चाहते हैं
Q. नागरिक क्यों व्यस्त है क्या उनकी व्यस्तता जायज है
दूसरा उतर
प्रस्तुत पंक्तियाँ बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित निबंध “बाचचीत” से ली गई हैं। इन पंक्तियों में लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि मनुष्य के गुण या दोष तब तक प्रकट नहीं होते, जब तक वह कुछ बोलता नहीं
लेखक ने इस पंक्ति के माध्यम से यह बताया है कि किसी व्यक्ति का व्यक्तित्व और स्वभाव तब तक छिपा रहता है जब तक वह बोलता नहीं है। जब व्यक्ति कुछ कहता है, तो उसकी सोच, दृष्टिकोण और आचरण सब स्पष्ट हो जाते हैं। अगर वह सम्मानपूर्वक और शिष्टता से बात करता है, तो उसकी गरिमा और बुद्धिमानी झलकती है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति बिना विचार किए, जल्दबाजी में या कठोरता से बोलता है, तो उसके दोष प्रकट हो जाते हैं। किसी व्यक्ति के बोलने का तरीका उसे समझदार और जिम्मेदार व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत कर सकता है, जबकि गलत तरीके से बातचीत करने पर उसकी छवि को नुकसान भी पहुंच सकता है। इसलिए, अपने शब्दों का चयन और उपयोग करना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
तीसरा उतर
प्रस्तुत पंक्तियाँ बालकृष्ण भट्ट द्वारा रचित निबंध “बाचचीत” से ली गई हैं। इन पंक्तियों में लेखक यह संदेश देना चाहते हैं कि मनुष्य के गुण या दोष तब तक प्रकट नहीं होते, जब तक वह कुछ बोलता नहीं
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि व्यक्ति के स्वभाव और चरित्र का पता तब चलता है जब वह बोलता है। जब तक कोई व्यक्ति चुप रहता है, उसकी पहचान का सही स्वरूप दूसरों के सामने नहीं आता। लेकिन जैसे ही वह बोलना शुरू करता है, उसके गुण और अवगुण साफ हो जाते हैं। एक व्यक्ति जो सोच-समझकर, धैर्य से और नम्रता से बात करता है, वह अपनी बुद्धिमत्ता और सज्जनता का परिचय देता है। दूसरी ओर, जो बिना सोच-विचार के बोलता है, उसके दोष प्रकट हो जाते हैं। बातचीत का तरीका व्यक्ति के व्यक्तित्व का दर्पण होता है, जिससे उसकी वास्तविक पहचान होती है। इसलिए, यह जरूरी है कि व्यक्ति अपनी बात को सलीके से कहे।