विश्ववन्दिता वैशाली पाठ का प्रतिपाद्य विषय क्या है । Vishva vandita Vaishali paath ka pratipadya vishay kya hai

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 9 के संस्कृत विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “विश्ववन्दिता वैशाली पाठ का प्रतिपाद्य विषय क्या है”(Vishva vandita Vaishali paath ka pratipadya vishay kya hai)का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

विश्ववन्दिता वैशाली पाठ का प्रतिपाद्य विषय क्या है । Vishva vandita Vaishali paath ka pratipadya vishay kya hai

प्रश्न: विश्ववन्दिता वैशाली पाठ का प्रतिपाद्य विषय क्या है । Vishva vandita Vaishali paath ka pratipadya vishay kya hai

उत्तर –

पाठ “विश्ववन्दिता वैशाली” का प्रतिपाद्य विषय वैशाली नगर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को उजागर करता है। यह पाठ वैशाली की प्रतिष्ठा और उसके ऐतिहासिक योगदान को दर्शाता है, विशेषकर उसकी गणतंत्र प्रणाली और बुद्ध की उपस्थिति को। वैशाली प्राचीन भारत की एक महत्वपूर्ण नगरी थी, जो अपनी जनतांत्रिक व्यवस्थाओं और बौद्ध धर्म के विकास के लिए प्रसिद्ध है। यह पाठ छात्रों को वैशाली की ऐतिहासिक धरोहर और उसके सांस्कृतिक योगदान के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. राष्ट्रबोध ‘ पाठ से क्या शिक्षा मिलती है

Q. धनंजय ने रेल नीर क्यों खरीदा

Q. विवेक ने विजय से क्या कहा

Q. आरक्षियों ने जाँच क्रम में क्या पाया

Q. मुख्यमंत्री ने अपने आनन्दिन होने का क्या कारण बताया

Q. सभी समस्याओं का निवारण किससे होगा

Q. आरक्षिनिरीक्षक ने राष्ट्रद्रोहियों को कारागार में क्यों डाला

Q. गणतंत्र शासन पद्धति कैसे सर्वोत्कृष्ट है

Q. राजकीय शिक्षक दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में क्या कहा

Q. आरक्षिनिरीक्षक ने समुद्रोहियों का पता कैसे लगाया

Q. राष्ट्रबोध का जागरण क्यों आवश्यक है

Q. विश्ववन्दिता वैशाली पाठ का प्रतिपाद्य विषय क्या है

दूसरा उतर 

“विश्ववन्दिता वैशाली” पाठ में वैशाली नगर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक उपादेयता को प्रमुखता से प्रस्तुत किया गया है। इस पाठ के माध्यम से वैशाली के प्राचीन समाज की जनतांत्रिक व्यवस्थाओं और बुद्ध धर्म के प्रसार पर प्रकाश डाला गया है। वैशाली का महत्त्व उसकी प्राचीन संगठित व्यवस्था और धार्मिक विचारों के प्रसार में छिपा है। यह पाठ विद्यार्थियों को वैशाली की ऐतिहासिक महत्ता और उसकी सांस्कृतिक विरासत को समझने में सहायता करता है।

तीसरा उतर 

“विश्ववन्दिता वैशाली” पाठ वैशाली नगर के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहलुओं को प्रमुखता से प्रदर्शित करता है। पाठ वैशाली की गणतंत्र प्रणाली और बुद्ध धर्म के महत्व को स्पष्ट करता है। वैशाली की यह गणतंत्र व्यवस्था उस समय की एक अद्वितीय प्रणाली थी, जो आज के लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की नींव रखती है। पाठ का उद्देश्य छात्रों को वैशाली के ऐतिहासिक योगदान और उसके सांस्कृतिक धरोहर के महत्व को समझाना है।

चौथा उतर 

“विश्ववन्दिता वैशाली” पाठ वैशाली नगर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को प्रदर्शित करता है। इस पाठ में वैशाली के गणतंत्र प्रणाली और बुद्ध धर्म के विकास पर जोर दिया गया है। वैशाली एक प्रमुख प्राचीन नगर था, जो अपने समय की संगठित व्यवस्था और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है। पाठ का मुख्य उद्देश्य वैशाली के ऐतिहासिक योगदान और सांस्कृतिक महत्व को स्पष्ट करना है, जिससे छात्रों को प्राचीन भारत की सामाजिक संरचनाओं की समझ मिले।

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