नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 11 के English subject के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “सांप्रदायिकता देश के विकास में किस प्रकार बाधक है चर्चा करें”(Sampradayikta Desh ke Vikas bhi kis prakar badhak hai charcha Karen”का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।
सांप्रदायिकता देश के विकास में किस प्रकार बाधक है चर्चा करें । Sampradayikta Desh ke Vikas bhi kis prakar badhak hai charcha Karen
Q: सांप्रदायिकता देश के विकास में किस प्रकार बाधक है चर्चा करें । Sampradayikta Desh ke Vikas bhi kis prakar badhak hai charcha Karen
Answer – सांप्रदायिकता समाज में तनाव और अविश्वास पैदा करती है, जो विकास के लिए हानिकारक होता है। जब लोग विभाजित होते हैं, तो वे एक साथ मिलकर काम करने से कतराते हैं, जिससे प्रगति के रास्ते में बाधाएं उत्पन्न होती हैं। सांप्रदायिकता का असर देश की राजनीतिक स्थिरता पर भी पड़ता है, क्योंकि सरकार को विकास कार्यों के बजाय सामाजिक विवादों को सुलझाने में समय और संसाधन लगाने पड़ते हैं। इसके अलावा, सांप्रदायिकता से व्यापार और उद्योगों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है, क्योंकि निवेशक असुरक्षित माहौल में निवेश करने से डरते हैं। इसके कारण देश की आर्थिक प्रगति रुक जाती है।
2nd Answer
सांप्रदायिकता के कारण देश में अस्थिरता फैलती है, जो विकास के लिए सबसे बड़ी बाधा है। जब समाज में लोग एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं, तो आपसी सहयोग और विश्वास खत्म हो जाता है। इस स्थिति में सरकार को विकास कार्यों पर ध्यान देने के बजाय समाज में शांति बहाल करने पर ध्यान केंद्रित करना पड़ता है, जिससे विकास कार्य धीमे हो जाते हैं। इसके साथ ही, सांप्रदायिकता का असर शिक्षा और रोजगार पर भी पड़ता है, क्योंकि समाज में विभाजन होने से लोग एक-दूसरे की मदद नहीं करते। इसका सीधा असर देश की प्रगति और विकास पर पड़ता है।
3rd Answer
सांप्रदायिकता के कारण समाज में शांति भंग होती है, जो किसी भी देश के विकास में बाधा डालती है। विकास के लिए शांतिपूर्ण वातावरण और सहयोग आवश्यक होता है, लेकिन सांप्रदायिकता से यह वातावरण नष्ट हो जाता है। इसका परिणाम यह होता है कि लोग एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं और विकास के लिए जरूरी सामूहिक प्रयास विफल हो जाते हैं। सांप्रदायिकता का प्रभाव सामाजिक ढांचे पर भी पड़ता है, जिससे समाज में अविश्वास और तनाव बढ़ता है। इसका असर देश की आर्थिक स्थिति पर भी पड़ता है, क्योंकि निवेशक असुरक्षित माहौल में निवेश करने से कतराते हैं, जिससे रोजगार के अवसर कम हो जाते हैं।
4th Answer
सांप्रदायिकता देश की एकता को कमजोर करती है, जिससे विकास के मार्ग में कई अड़चनें आती हैं। जब समाज में एकता नहीं होती, तो लोग विकास के कार्यों में रुचि नहीं लेते। सांप्रदायिकता के कारण सरकार को अधिक समय और संसाधन सामाजिक विवाद सुलझाने में लगाने पड़ते हैं, जिससे विकास के लिए आवश्यक संसाधनों की कमी हो जाती है। इसके कारण सामाजिक और आर्थिक ढांचा कमजोर हो जाता है। इससे उद्योग और शिक्षा क्षेत्र में भी गिरावट आती है, क्योंकि लोग एक-दूसरे के साथ काम करने में झिझकते हैं। सांप्रदायिकता के प्रभाव से लोग अपना ध्यान विकास से हटा लेते हैं, जिससे देश प्रगति नहीं कर पाता।