राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा को स्पष्ट करें । Rajniti vigyan ki paramparagat paribhasha ko spasht Karen

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 11 के राजनीति शास्त्र विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा को स्पष्ट करें” (Rajniti vigyan ki paramparagat paribhasha ko spasht Karen)का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा को स्पष्ट करें । Rajniti vigyan ki paramparagat paribhasha ko spasht Karen

प्रश्न: राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा को स्पष्ट करें । Rajniti vigyan ki paramparagat paribhasha ko spasht Karen

उत्तर –

राजनीति विज्ञान को पारंपरिक रूप से एक ऐसा विषय माना जाता है, जो सरकार, राज्य और सत्ता से संबंधित है। इसका अध्ययन समाज के संगठनों और नीतियों के आधार पर किया जाता है। यह विषय लोगों के अधिकारों, कर्तव्यों और समाज में उनके संबंधों की व्याख्या करता है।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा को स्पष्ट करें

Q. क्या राजनीति सत्ता का अध्ययन है

Q. राजनीति का अध्यन राष्ट्र से शुरू व राष्ट्र पर समाप्त होता है संक्षिप्त वर्णन करें

Q. उत्तर व्यवहारवादी क्रान्ति क्या है

Q. राज्य की उत्पत्ति के दैविक सिद्धांत की संक्षिप्त विवेचना करें

Q. नकारात्मक स्वतंत्रता से आप क्या समझते हैं

Q. वैध और वास्तविक प्रभुसता का क्या अर्थ है

Q. राजनीति विज्ञान की परम्परागत व आधुनिक परिभाषाओं का आलोचनात्मक विश्लेषण करें

Q. राजनीति विज्ञान के अध्ययन की व्यवहारवादी पद्धति की विशेषताओं पर एक संक्षिप्त निबंध लिखें 

Q. राष्ट्र से आप क्या समझते हैं ? इसके तत्वों का वर्णन करें

Q. ऑस्टिन के प्रभुसता सिद्धान्त की आलोचनात्मक व्याख्या करें

Q. सम्प्रभुत्ता के बहुलवादी सिद्धान्त पर एक निबंध लिखें

दूसरा उतर 

राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा राज्य, शासन और सामाजिक संगठनों पर केंद्रित है। यह अध्ययन करता है कि कैसे समाज के विभिन्न हिस्से और संस्थाएं एक साथ काम करते हैं। इस विषय के अंतर्गत लोगों के बीच की सत्ता और अधिकारों के बंटवारे का विश्लेषण होता है। यह विभिन्न समूहों के बीच सामंजस्य और सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखने पर जोर देता है।

तीसरा उतर 

राजनीति विज्ञान को पारंपरिक रूप से राज्य और उसकी संस्थाओं के अध्ययन के रूप में देखा जाता है। इसमें सरकार की संरचना, विभिन्न व्यवस्थाओं और शासन प्रणालियों का विश्लेषण होता है। इस विषय में यह देखा जाता है कि कैसे समाज के लोग संगठनों के माध्यम से अपने संबंधों को संचालित करते हैं और निर्णय लेते हैं। इसका मूल उद्देश्य समाज में सामंजस्य बनाए रखना है।

चौथा उतर 

राजनीति विज्ञान की परंपरागत परिभाषा का आधार समाज के विभिन्न घटकों के बीच समन्वय और उनके संबंधों को समझना है। यह उन नीतियों और निर्णयों का विश्लेषण करता है, जो शासन प्रणाली के अंतर्गत लिए जाते हैं। यह विषय व्यक्ति और राज्य के बीच के संबंधों पर ध्यान देता है, जिससे सामूहिक तौर पर समाज का निर्माण होता है और अधिकार संरचना कायम होती है।

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