नीतिकार आलस को क्या मानते हैं । nitikar aalas ko kya manta hai 

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 9 के संस्कृत विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “नीतिकार आलस को क्या मानते हैं”(nitikar aalas ko kya manta hai)का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

नीतिकार आलस को क्या मानते हैं । nitikar aalas ko kya manta hai

प्रश्न: नीतिकार आलस को क्या मानते हैं । nitikar aalas ko kya manta hai

उत्तर –

विद्यापति ने अलस कथा में आलस्य के बारे में क्या कहा है? उत्तर-विद्यापति ने कहा है कि जो बिना परिश्रम के सुखी रहना चाहते हैं और भाग्य भरोसे जीना चाहते हैं। वे लोग हमेशा भाग्य को ही दोषी मानते हैं। इसलिए नीतिकार आलस्य को महान शत्रु कहा है।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. मंत्रों के दर्शक कौन कौन थे

Q. अथर्ववेद में कितनी ऋषिकाएँ हैं

Q. मैत्रेयी कौन थी

Q. पाँच ऋषिकाओं के नाम लिखें

Q. प्रथम आलसी ने क्या कहा

Q. अलसकथा कहाँ से लिया गया है

Q. नीतिकार आलस को क्या मानते हैं

Q. शास्त्र संरक्षण में किसकी किसकी भूमिका है

Q. द्वितीय आलसी ने क्या कहा

Q. संस्कृत साहित्य में आधुनिक लेखिकाओं का वर्णन करें

Q. पाटलिपुत्र का वैभव कैसा था

Q. कौमुदी महोत्सव कब प्रचलित था

Q. मम माता’ पर सात पंक्तियों में अनुच्छेद लिखें

दूसरा उतर 

विद्यापति के अनुसार, आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है। आलसी लोग बिना मेहनत के सुख की उम्मीद करते हैं, जबकि सच्चा सुख और संतोष परिश्रम से ही मिलता है। आलस्य की आदत व्यक्ति के भीतर की क्षमता को समाप्त कर देती है, जिससे वह जीवन में पिछड़ जाता है।

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