मैत्रेयी कौन थी । maitreyi kaun thi

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 10 के संस्कृत विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “मैत्रेयी कौन थी । maitreyi kaun thi)का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

मैत्रेयी कौन थी । maitreyi kaun thi

प्रश्न: मैत्रेयी कौन थी । maitreyi kaun thi

उत्तर –

मैत्रेयी एक प्राचीन भारतीय महिला विदुषी थीं, जिन्हें ऋग्वेद काल की सबसे ज्ञानी महिलाओं में से एक माना जाता है। उन्हें याज्ञवल्क्य की पत्नी के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने आत्मा और ब्रह्म के गूढ़ ज्ञान को प्राप्त करने में उनकी सहायता की थी। मैत्रेयी ने सांसारिक सुखों की बजाय ज्ञान को प्राथमिकता दी थी।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. मंत्रों के दर्शक कौन कौन थे

Q. अथर्ववेद में कितनी ऋषिकाएँ हैं

Q. मैत्रेयी कौन थी

Q. पाँच ऋषिकाओं के नाम लिखें

Q. प्रथम आलसी ने क्या कहा

Q. अलसकथा कहाँ से लिया गया है

Q. नीतिकार आलस को क्या मानते हैं

Q. शास्त्र संरक्षण में किसकी किसकी भूमिका है

Q. द्वितीय आलसी ने क्या कहा

Q. संस्कृत साहित्य में आधुनिक लेखिकाओं का वर्णन करें

Q. पाटलिपुत्र का वैभव कैसा था

Q. कौमुदी महोत्सव कब प्रचलित था

Q. मम माता’ पर सात पंक्तियों में अनुच्छेद लिखें

दूसरा उतर 

मैत्रेयी भारतीय इतिहास की उन स्त्रियों में से थीं जो ज्ञान के प्रति अत्यधिक समर्पित थीं। उन्हें वैदिक युग की एक महत्वपूर्ण दार्शनिक माना जाता है। याज्ञवल्क्य से विवाह के बाद भी उन्होंने आध्यात्मिक प्रश्न पूछे और आत्मा के विषय पर गंभीर चिंतन किया। उनका योगदान शिक्षा के क्षेत्र में विशेष है।

तीसरा उतर 

मैत्रेयी का नाम वेदों में उस विदुषी के रूप में लिया जाता है, जो अपने समय की प्रतिष्ठित महिला विद्वानों में से एक थीं। उनके सवालों और ज्ञान की लालसा ने उन्हें प्रसिद्ध बनाया। उनकी शिक्षा और तात्त्विक विचारधारा को प्राचीन भारत में विशेष स्थान मिला था।

चौथा उतर 

मैत्रेयी, जो याज्ञवल्क्य की पत्नी थीं, अपने युग में वेदों की ज्ञानी थीं। उनका जीवन ज्ञान की खोज में समर्पित था और उन्होंने भौतिक संपत्ति की अपेक्षा आत्मज्ञान को चुना। उनके प्रश्नों और जिज्ञासाओं ने उन्हें उस समय की अन्य महिलाओं से अलग पहचान दी थी।

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