कुस्तुनतुनिया का पतन कब हुआ इसका क्या परिणाम हुआ । Kustuntuniya ka Patan kab hua iska kya parinaam hua

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 11 के इतिहास विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “कुस्तुनतुनिया का पतन कब हुआ इसका क्या परिणाम हुआ”(Kustuntuniya ka Patan kab hua iska kya parinaam huaका उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

कुस्तुनतुनिया का पतन कब हुआ इसका क्या परिणाम हुआ । Kustuntuniya ka Patan kab hua iska kya parinaam hua

Q: कुस्तुनतुनिया का पतन कब हुआ इसका क्या परिणाम हुआ । Kustuntuniya ka Patan kab hua iska kya parinaam hua

Answer – 

कुस्तुनतुनिया का पतन 1453 में ओटोमानी साम्राज्य द्वारा हुआ, जो कि बीजान्टाइन साम्राज्य का अंतिम चरण था। इसके परिणामस्वरूप, इस्तांबुल शहर ने नया प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र बन गया। इस घटना ने यूरोप और एशिया के बीच व्यापार और सैन्य रणनीतियों पर दीर्घकालिक प्रभाव डाला।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. समुद्री मार्गों की खोज का अमानवीय पहलू क्या था

Q. अमरीका में बागान-प्रथा लागू होने से किस प्रकार दास व्यापार को बढ़ावा मिला

Q. एजटेक सभ्यता की दो प्रमुख विशेषताओं का उल्लेख करें

Q. इंका सभ्यता का विनाश किसने और किस प्रकार किया

Q. कुस्तुनतुनिया का पतन कब हुआ इसका क्या परिणाम हुआ

Q. इंका सभ्यता का आरम्भ कब एवं कहाँ हुआ था

Q. 15वीं शताब्दी में समुद्री मार्ग की खोज के कारणों का वर्णन करें

Q. माया सभ्यता के विस्तार एवं सांस्कृतिक उपलब्धियों का वर्णन करें

Q. एजटेक सभ्यता के विस्तार एवं उपलब्धियों की विवेचना करें

Q. अमरीका में एज़टेक एवं इंका सभ्यता का विनाश कैसे हुआ? वर्णन करें

दूसरा उतर 

कुस्तुनतुनिया का पतन 1453 में हुआ। इस घटना ने पश्चिमी और पूर्वी यूरोप के बीच व्यापार और संचार के मार्गों को नया रूप दिया। ओटोमानी साम्राज्य के द्वारा शहर पर कब्जा करना, व्यापारिक और सांस्कृतिक केंद्रों की स्थिति में परिवर्तन लेकर आया। इसका असर विश्व इतिहास पर पड़ा, विशेषकर यूरोपीय उपनिवेशवाद पर।

तीसरा उतर 

कुस्तुनतुनिया का पतन 1453 में हुआ, जब ओटोमानी साम्राज्य ने इसे जीत लिया। इससे बीजान्टाइन साम्राज्य का अंत हुआ और इसका परिणाम था कि सुलतान मेहमत द्वितीय ने शहर का नाम बदलकर इस्तांबुल रख दिया। यह बदलाव मध्यकालीन यूरोप की राजनीतिक संरचना में महत्वपूर्ण परिवर्तन का प्रतीक था।

चौथा उतर 

1453 में कुस्तुनतुनिया के पतन के साथ, बीजान्टाइन साम्राज्य समाप्त हो गया। ओटोमानी साम्राज्य ने शहर पर कब्जा कर लिया और इसे इस्तांबुल के नाम से जाना गया। इस बदलाव ने यूरोपीय शक्ति संतुलन को प्रभावित किया और एशिया और यूरोप के बीच नए शक्ति समीकरणों का आधार तैयार किया।

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