कृष्ण के प्रीत तोड़ने पर भी मीरा प्रीत तोड़ने को तैयार नहीं है। क्यों । Krishna ke prit todne per bhi Mera prit todne Ko taiyar nahin hai kyon

नमस्ते दोस्त आपका स्वागत आज के इस आर्टिकल में। इस ब्लॉग आर्टिकल में बिहार बोर्ड 11th क्लास के हिंदी विषय के अक्टूबर 2024 मंथली एग्जाम में पूछा गया प्रश्न “कृष्ण के प्रीत तोड़ने पर भी मीरा प्रीत तोड़ने को तैयार नहीं है। क्यों”(Krishna ke prit todne per bhi Mera prit todne Ko taiyar nahin hai kyon) का उतर दिया गया है। इस सवाल के चार अलग अलग उतर दिए गए हैं। और चारों उतर सही है आप किसी भी एक उतर को एग्जाम में लिख सकते हैं। आइए इस सवाल का सही उतर जानते हैं:

कृष्ण के प्रीत तोड़ने पर भी मीरा प्रीत तोड़ने को तैयार नहीं है। क्यों । Krishna ke prit todne per bhi Mera prit todne Ko taiyar nahin hai kyon

Q. कृष्ण के प्रीत तोड़ने पर भी मीरा प्रीत तोड़ने को तैयार नहीं है। क्यों । Krishna ke prit todne per bhi Mera prit todne Ko taiyar nahin hai kyon

उतर – मीरा का श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि वह समाज की किसी भी रुकावट या बंधन को नहीं मानती थी। उसने कृष्ण को अपने सच्चे प्रियतम और पति के रूप में स्वीकार किया और अपने अस्तित्व को उन्हीं में समर्पित कर दिया, जिससे वह उनका साथ कभी नहीं छोड़ना चाहती थी।

दूसरा उतर 

मीरा का प्रेम श्रीकृष्ण के प्रति अडिग था। वह समाज की रीति-रिवाजों और बंधनों से मुक्त होकर श्रीकृष्ण को ही अपना सब कुछ मानती थी। भले ही कृष्ण उनसे दूर हो जाएं, मीरा का प्रेम कभी कम नहीं हुआ और वह उनकी भक्ति में डूबी रही।

तीसरा उतर 

मीरा के लिए श्रीकृष्ण केवल एक भगवान नहीं, बल्कि उनके सच्चे प्रियतम थे। उनका प्रेम इतना गहरा था कि वह किसी भी परिस्थिति में उनसे दूर नहीं हो सकती थीं। उन्होंने समाज के बंधनों को तोड़कर केवल श्रीकृष्ण को अपने जीवन का केंद्र बना लिया था।

चौथा उतर 

मीरा का श्रीकृष्ण के प्रति प्रेम इतना प्रगाढ़ था कि वह समाज और रूढ़ियों की परवाह किए बिना उन्हें ही अपना सच्चा प्रियतम मानती थीं। उनका मन और आत्मा पूरी तरह श्रीकृष्ण में समर्पित था, इसलिए वह कभी भी अपनी प्रीत तोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं।

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