इतिहास लेखन के लिए किस तरह के दस्तावेजी साक्ष्यों को महत्वपूर्ण समझा जाता था । Itihaas lekhan ke liye kis tarah ke dastaveji sakshiyon ko mahatvpurn samjha jata tha 

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नमस्कार स्टूडेंट आज के इस आर्टिकल में बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं के इतिहास विषय कि अगस्त 2024 मासिक परीक्षा में पूछा जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रश्न ‘इतिहास लेखन के लिए किस तरह के दस्तावेजी साक्ष्यों को महत्वपूर्ण समझा जाता था”Itihaas lekhan ke liye kis tarah ke dastaveji sakshiyon ko mahatvpurn samjha jata tha) का जवाब दिया गया हैं। 

इतिहास लेखन के लिए किस तरह के दस्तावेजी साक्ष्यों को महत्वपूर्ण समझा जाता था । Itihaas lekhan ke liye kis tarah ke dastaveji sakshiyon ko mahatvpurn samjha jata tha 

प्रश्न: इतिहास लेखन के लिए किस तरह के दस्तावेजी साक्ष्यों को महत्वपूर्ण समझा जाता था । Itihaas lekhan ke liye kis tarah ke dastaveji sakshiyon ko mahatvpurn samjha jata tha 

उत्तर- इतिहास लेखन में प्रमाणित दस्तावेज़ जैसे शाही फरमान, शिलालेख, और प्राचीन पांडुलिपियाँ महत्वपूर्ण होते हैं। ये स्रोत ऐतिहासिक घटनाओं और व्यक्तित्वों की सटीकता सुनिश्चित करने में सहायक होते हैं और समकालीन समाज की सच्चाई को उजागर करते हैं।

दूसरा उतर 

इतिहास लेखन में महत्वपूर्ण दस्तावेजी साक्ष्य में प्राचीन लेख, मुद्राएं, और पुरातात्विक अवशेष शामिल होते हैं। ये स्रोत ऐतिहासिक घटनाओं और सामाजिक स्थितियों को प्रमाणित करने में सहायक होते हैं। ये साक्ष्य ऐतिहासिक घटनाओं की सच्चाई को स्थापित करने के लिए उपयोगी माने जाते हैं।

तीसरा उतर 

इतिहास लेखन के लिए प्राथमिक स्रोत जैसे पुरातात्विक खोजें, सरकारी अभिलेख, और प्राचीन ग्रंथ महत्वपूर्ण होते हैं। ये साक्ष्य समय की सच्चाई को दर्शाते हैं और ऐतिहासिक घटनाओं की वास्तविकता को उजागर करते हैं।

चौथा उतर 

इतिहास लेखन के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेजी साक्ष्यों में प्राचीन अभिलेख, राजकीय आदेश, और सामयिक पत्र शामिल हैं। ये स्रोत घटनाओं की सटीकता और संदर्भ प्रदान करते हैं, जिससे ऐतिहासिक घटनाओं की सच्चाई को समझना आसान होता है।

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