हड़प्पा सभ्यता के वाणिज्य एवं व्यापार का वर्णन करें । Hadppa sabhyata ke vanijay avam vyapar ka varnan karen 

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नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में कक्षा 12 के History विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “हड़प्पा सभ्यता के वाणिज्य एवं व्यापार का वर्णन करें”(Hadppa sabhyata ke vanijay avam vyapar ka varnan karen ) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।

हड़प्पा सभ्यता के वाणिज्य एवं व्यापार का वर्णन करें ।  Hadppa sabhyata ke vanijay avam vyapar ka varnan karen 

Q: हड़प्पा सभ्यता के वाणिज्य एवं व्यापार का वर्णन करें ।  

Answer – 

व्यापारिक मार्गों का महत्व:

हड़प्पा सभ्यता का व्यापार जल और थल मार्गों पर आधारित था। सिंधु नदी व्यापार के प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करती थी। इसके माध्यम से हड़प्पावासी अपनी वस्तुएं अन्य नगरों और सभ्यताओं तक पहुंचाते थे।

विदेशी व्यापार:

मेसोपोटामिया और फारस से आने वाले व्यापारी हड़प्पा के नगरों में व्यापार करते थे। यह सभ्यता विदेशी व्यापारिक संबंधों के कारण समृद्ध थी। विदेशी व्यापारी कीमती पत्थर और धातु लेकर आते थे, जिन्हें हड़प्पा के व्यापारी खरीदते थे।

व्यापारिक केंद्र:

हड़प्पा सभ्यता के नगर व्यापारिक केंद्रों के रूप में कार्य करते थे। यहां पर विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उत्पादन और विनिमय किया जाता था।

आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

Q. हड़प्पा सभ्यता के नगर योजना की दो विशेषताएं लिखिए

Q. लोथल कहां है बंदरगाह के रूप में इसका क्या महत्व है

Q. हड़प्पा सभ्यता में शवों के दाह संस्कार के प्रकार लिखें

Q. मोहनजोदड़ो के विशाल स्नानागार की दो विशेषताएँ लिखें

Q. हड़प्पा सभ्यता के पतन के दो कारण लिखिए

Q. हड़प्पा सभ्यता के वाणिज्य एवं व्यापार का वर्णन करें

Q. हड़प्पा सभ्यता में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विकास की चर्चा करें

Q. हड़प्पा सभ्यता के धार्मिक जीवन का वर्णन करें

दूसरा उतर 

अंतर्राष्ट्रीय व्यापारिक संबंध:

हड़प्पा सभ्यता के व्यापारिक संबंध विदेशी संस्कृतियों के साथ भी थे। इसका प्रमाण मेसोपोटामिया और फारस के साथ हुए आदान-प्रदान से मिलता है, जहां से हड़प्पावासी कीमती धातु और पत्थरों का आयात करते थे।

धातु और पत्थर:

हड़प्पा के लोग तांबे और अर्ध-कीमती पत्थरों का प्रयोग करते थे। धातु को विभिन्न रूपों में ढालकर उपकरण और आभूषण बनाए जाते थे, जिन्हें व्यापारियों द्वारा दूर-दूर के स्थानों तक पहुंचाया जाता था।

व्यापारिक मार्ग:

व्यापार के लिए प्रमुख मार्ग नदियों और समुद्र के किनारे थे, जहां से माल एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाया जाता था।

तीसरा उतर 

विभिन्न व्यापारिक वस्तुएं:

हड़प्पा सभ्यता के व्यापार में मुख्य वस्तुएं धातु, पत्थर, लकड़ी, कपास और अनाज शामिल थे। इन वस्तुओं का उत्पादन करने के बाद, व्यापारी इन्हें दूरस्थ क्षेत्रों में लेकर जाते थे। व्यापार में अधिकतर सामान जल और थल मार्ग से भेजा जाता था।

उत्पादों का वितरण:

हड़प्पा के नगरों में कई बाजार थे, जहां व्यापारिक गतिविधियां चलती रहती थीं। बाजारों में वस्त्र और धातु से बने सामान, जैसे आभूषण और औजार, बेचे जाते थे।

व्यापार की विशेषताएँ:

व्यापारिक नेटवर्क की सबसे बड़ी विशेषता इसका संगठित और सुनियोजित होना था। व्यापारी न केवल अपने स्थानीय बाजार में बल्कि अन्य सभ्यताओं के साथ भी व्यापार करते थे।

चौथा उतर 

व्यापारिक मार्गों का महत्व:

हड़प्पा सभ्यता का व्यापार जल और थल मार्गों पर आधारित था। सिंधु नदी व्यापार के प्रमुख मार्ग के रूप में कार्य करती थी। इसके माध्यम से हड़प्पावासी अपनी वस्तुएं अन्य नगरों और सभ्यताओं तक पहुंचाते थे।

विदेशी व्यापार:

मेसोपोटामिया और फारस से आने वाले व्यापारी हड़प्पा के नगरों में व्यापार करते थे। यह सभ्यता विदेशी व्यापारिक संबंधों के कारण समृद्ध थी। विदेशी व्यापारी कीमती पत्थर और धातु लेकर आते थे, जिन्हें हड़प्पा के व्यापारी खरीदते थे।

व्यापारिक केंद्र:

हड़प्पा सभ्यता के नगर व्यापारिक केंद्रों के रूप में कार्य करते थे। यहां पर विभिन्न प्रकार के उत्पादों का उत्पादन और विनिमय किया जाता था।

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