नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आपका स्वागत है। इस पोस्ट में बिहार बोर्ड कक्षा 9 के हिंदी विषय के सितंबर 2024 के मंथली एग्जाम में पूछा गया अति महत्वपूर्ण प्रश्न “फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का परिचय दीजिए”(film nirdeshak prakash jha ka parichay dijiye) का उत्तर दिया गया है। इस पोस्ट में इस प्रश्न के तीन से चार उतर दिए गए हैं। और तीनों उत्तर बिल्कुल सही है। आप इन तीनों उत्तरों में से किसी भी उत्तर को अपने एग्जाम में लिख सकते हैं।
फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का परिचय दीजिए । Film Nirdeshak Prakash Jha Ka Parichay Dijiye
प्रश्न: फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का परिचय दीजिए । Film Nirdeshak Prakash Jha Ka Parichay Dijiye
उत्तर –प्रकाश झा का जन्म बिहार के एक छोटे से गाँव में हुआ था, लेकिन उनकी सोच हमेशा समाज को बेहतर दिशा देने वाली रही। उन्होंने अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद फिल्मों में कदम रखा और इस क्षेत्र में नई मिसालें कायम कीं। उनकी फिल्मों में समाज की सच्चाइयाँ उभर कर आती हैं। उनका सिनेमा समाज की उन कड़वी सच्चाइयों पर प्रकाश डालता है, जिन्हें लोग अनदेखा करते हैं। उन्होंने अपने निर्देशन में कभी किसी विषय को हल्के में नहीं लिया। उनकी फिल्में दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं और उनके अंदर बदलाव की भावना उत्पन्न करती हैं। इस कारण से, वे भारतीय फिल्म उद्योग में सम्मानित स्थान रखते हैं और उनकी हर फिल्म एक गहरी सोच के साथ आती है।
आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न
Q. ललित निबंध की क्या विशेषता होती है?
Q. निबंध लेखन में कल्पना का क्या महत्त्व है
Q. लेखक जगदीश नारायण चौबे के अनुसार हिन्दी निबंध की दुर्दशा का कारण क्या है
Q. ‘बुच्ची दाय’ सुनने में लीलावती को आनंदातिरेक की अनुभूति क्यों होती है
Q. लीलावती खासटोली और बबुआन टोली को तबाह होने से किस प्रकार बचा लेती है
Q. निम्मो समाज के किस वर्ग का प्रतिनिधित्व करती है
Q. कवि विजय कुमार ने निम्मो की तुलना ‘भीगी हुई चिड़िया’ से क्यों की है
Q. गाँव शहर से किस प्रकार मित्र होता है ‘सुखी नदी का पुल’ शीर्षक पाठ के अनुसार वर्णन करें
Q. अच्छे निबंध के लिए क्या आवश्यक है विस्तार से तर्कपूर्ण उत्तर दीजिए
Q. ‘निम्मो की मौत पर शीर्षक पाठ का भावार्थ लिखे
Q. फिल्म निर्देशक प्रकाश झा का परिचय दीजिए
दूसरा उतर
प्रकाश झा भारतीय सिनेमा के एक अनूठे निर्देशक हैं, जिनकी फिल्मों ने हमेशा समाज में चल रहे मुद्दों को केंद्र में रखा है। उनका दृष्टिकोण किसी भी विषय को गहराई से समझना और उसे पर्दे पर वास्तविकता के साथ पेश करना है। उनकी कहानियों में भारत के विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों की झलक मिलती है। झा की फिल्मों में पात्रों के माध्यम से समाज की जटिलताओं को दर्शाने की कला बेहतरीन है। वह हमेशा से भारतीय राजनीति, भ्रष्टाचार और समाज की समस्याओं को लेकर संवेदनशील रहे हैं। उनकी यही संवेदनशीलता उनके निर्देशन में स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। सिनेमा के प्रति उनके इस समर्पण ने उन्हें भारतीय फिल्म उद्योग में एक विशेष स्थान दिलाया है।
तीसरा उतर
प्रकाश झा का निर्देशन सिनेमा जगत में खासा चर्चित रहा है। उनकी फिल्मों में भारतीय राजनीति, समाज और मानव जीवन की जटिलताओं को अद्वितीय ढंग से पेश किया गया है। झा ने अपने निर्देशन के सफर में हमेशा उस विषय को चुना, जिसे समाज के सामने लाना बेहद जरूरी था। उन्होंने उन मुद्दों को भी दिखाया, जिन्हें ज्यादातर फिल्म निर्माता अनदेखा कर देते हैं। उनकी फिल्मों की खासियत यह है कि वे सिर्फ मनोरंजन ही नहीं, बल्कि समाज को नई दिशा भी प्रदान करती हैं। प्रकाश झा की सोच और उनके सिनेमा का सफर भारतीय फिल्म उद्योग में एक नई रोशनी लेकर आया, जो दर्शकों को अपनी गहराई से प्रभावित करता है। उनकी फिल्मों की यह विशेषता उन्हें बाकी निर्देशकों से अलग बनाती है।
चौथा उतर
प्रकाश झा भारतीय सिनेमा के एक ऐसे निर्देशक हैं, जिन्होंने अपनी फिल्मों के जरिए समाज की सच्चाइयों को पर्दे पर उकेरा। उनकी फिल्मों का फोकस हमेशा समाज के उन पहलुओं पर रहा, जिन्हें अक्सर नजरअंदाज कर दिया जाता है। झा ने फिल्मों में सिर्फ मनोरंजन पर जोर नहीं दिया, बल्कि उन्होंने अपनी कहानियों के माध्यम से समाज को जागरूक किया। उनके निर्देशन की एक खासियत यह है कि वह समाज के गंभीर मुद्दों को वास्तविकता के साथ प्रस्तुत करते हैं। उनकी फिल्में दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती हैं और उनके अंदर जागरूकता पैदा करती हैं। झा का निर्देशन भारतीय सिनेमा में एक अलग पहचान रखता है, जहां वह सामाजिक मुद्दों को बड़ी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ पेश करते हैं।