भ्रष्टाचार का जड़ क्या है क्या जेपी से आप सहमत है इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे 

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नमस्कार स्टूडेंट आज के इस आर्टिकल में बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं के हिंदी विषय कि अगस्त 2024 मासिक परीक्षा में पूछा जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रश्न “भ्रष्टाचार का जड़ क्या है क्या जेपी से आप सहमत है इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे​”(Bhrashtachar ka jad kya hai kya JP se aap sahmat hain ise dur karne ke liye aap kya sujhav denge) का जवाब दिया गया हैं।

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भ्रष्टाचार का जड़ क्या है क्या जेपी से आप सहमत है इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे​ । Bhrashtachar ka jad kya hai kya JP se aap sahmat hain ise dur karne ke liye aap kya sujhav denge

प्रश्न: भ्रष्टाचार का जड़ क्या है क्या जेपी से आप सहमत है इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे​ । Bhrashtachar ka jad kya hai kya JP se aap sahmat hain ise dur karne ke liye aap kya sujhav denge

उत्तर: भ्रष्टाचार समाज के नैतिक और आर्थिक ढांचे को कमजोर करता है। इसके जड़ में कई कारक होते हैं, जिनमें से सबसे प्रमुख है नैतिकता का पतन। जब लोग नैतिकता और ईमानदारी को छोड़कर स्वार्थ और लालच के मार्ग पर चलते हैं, तब भ्रष्टाचार का जन्म होता है। इसके अलावा, शासन प्रणाली में पारदर्शिता की कमी, कमजोर कानून व्यवस्था, और समाज में शिक्षा और जागरूकता की कमी भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं।

जयप्रकाश नारायण, जिन्हें जेपी के नाम से भी जाना जाता है, ने भ्रष्टाचार को देश की सबसे बड़ी समस्या के रूप में देखा। वह मानते थे कि भ्रष्टाचार केवल कानूनों से नहीं, बल्कि समाज में नैतिकता और ईमानदारी को बढ़ावा देकर ही समाप्त किया जा सकता है। उन्होंने जन आंदोलनों और सामाजिक सुधारों के माध्यम से भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी।

भ्रष्टाचार को दूर करने के लिए नीचे दिए गए सुझाव दिए जा सकते हैं:

1. शिक्षा और जागरूकता: भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई की शुरुआत समाज में शिक्षा और जागरूकता से होनी चाहिए। लोगों को नैतिक मूल्यों और ईमानदारी के महत्व के बारे में बताया जाना चाहिए।

2. कठोर कानून और दंड: कानूनों को सख्त बनाना और दोषियों को कठोर दंड देना जरूरी है। इससे भ्रष्टाचारियों में भय पैदा होगा।

3. पारदर्शिता और जवाबदेही: शासन और प्रशासन में पारदर्शिता को बढ़ावा देना चाहिए। हर सरकारी कार्य की जवाबदेही तय होनी चाहिए, ताकि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी भ्रष्टाचार में लिप्त न हो सके।

4. नागरिकों की भागीदारी: जनता को भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूक और सक्रिय बनाना जरूरी है। जब लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाएंगे, तभी इसे समाप्त किया जा सकेगा।

5. प्रभावी निगरानी: सरकारी और निजी संस्थानों में निगरानी तंत्र को मजबूत करना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार के मामले तुरंत पकड़े जा सकें।

जेपी की विचारधारा और उनके प्रयासों से प्रेरणा लेकर हमें एक ऐसा समाज बनाना चाहिए, जहां नैतिकता और ईमानदारी का सम्मान हो और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए सभी लोग एकजुट हों। 

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आज के पेपर में पूछे गए प्रश्न

लघु उत्तरीय प्रश्न

Q. कबहुँक अंब अवसर पाई।’ यहाँ ‘अंब’ संबोधन किसके लिए है

Q. सूर के काव्य की किन विशेषताओं का उल्लेख कवि नाभदास ने किया है

Q. कृष्ण खाते समय क्या-क्या करते हैं सूरदास के द्वितीय पद के अनुसार लिंखे

Q. मालती के पति और पुत्र का क्या नाम था

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

Q. भ्रष्टाचार का जड़ क्या है क्या जेपी से आप सहमत है इसे दूर करने के लिए आप क्या सुझाव देंगे 

Q. जिस पुरुष में नारीत्व नहीं, अपूर्ण है आशय स्पष्ट करें

Q. पठित कवित के आधार पर छत्रसाल का वर्णन करें

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