अनुलोम और प्रतिलोम विवाह में क्या अंतर था । Anulom aur pratilom Vivah mein kya antar tha

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नमस्कार स्टूडेंट आज के इस आर्टिकल में बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं के इतिहास विषय कि अगस्त 2024 मासिक परीक्षा में पूछा जाने वाला एक महत्वपूर्ण प्रश्न ‘अनुलोम और प्रतिलोम विवाह में क्या अंतर था” (Anulom aur pratilom Vivah mein kya antar tha) का जवाब दिया गया हैं। 

अनुलोम और प्रतिलोम विवाह में क्या अंतर था । Anulom aur pratilom Vivah mein kya antar tha

प्रश्न: अनुलोम और प्रतिलोम विवाह में क्या अंतर था । Anulom aur pratilom Vivah mein kya antar tha

उत्तर-  अनुलोम विवाह में, वर का सामाजिक स्तर वधू से ऊँचा होता था, जबकि प्रतिलोम विवाह में वधू का सामाजिक स्तर वर से ऊँचा होता था। प्राचीन समाज में अनुलोम विवाह को उचित और सम्मानजनक माना जाता था, जबकि प्रतिलोम विवाह को अनुचित समझा जाता था। 

दूसरा उतर 

अनुलोम विवाह में, पुरुष का सामाजिक स्तर स्त्री से ऊँचा होता था, जिससे उसे समाज में स्वीकृति मिलती थी। प्रतिलोम विवाह में स्त्री का दर्जा पुरुष से ऊँचा होने पर इसे समाज ने नकारात्मक रूप से देखा। इन विवाहों से सामाजिक व्यवस्था और स्तर को बनाए रखा जाता था।

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